स्त्री की मासिक धर्म बंद हो जाना और प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाना (उसे विराम मिलना) की स्थिति को रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज़ कहा जाता है। यह उम्र के अनुसार होने वाली एक प्राकृतिक घटना है। रजोनिवृत्ति की स्थिति अचानक नहीं आती। अंडाशय में बनने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन का निर्माण चालीस के बाद धीरे-धीरे कम होता जाता है। इसका रक्त में स्तर एक विशेष सीमा से नीचे चला जाता है, तो मासिक धर्म बंद हो जाता है। इस दौरान महिलाओं में कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। ये परिवर्तन भी दो से पांच साल की अवधि में धीरे-धीरे होते हैं। इस संपूर्ण अवधि को रजोनिवृत्ति का काल कहते हैं। इसमें रजोनिवृत्ति पूर्व काल, प्रत्यक्ष रजोनिवृत्ति और रजोनिवृत्ति के बाद का काल शामिल होते हैं।
रजोनिवृत्ति के प्रकार
प्राकृतिक रजोनिवृत्ति:उम्र के अनुसार जब लगातार एक साल तक मासिक धर्म नहीं आता, तो यह माना जाता है कि रजोनिवृत्ति हो गई है। सामान्यतः रजोनिवृत्ति की उम्र 45-52 वर्ष के बीच होती है।
समयपूर्व रजोनिवृत्ति:अगर 40 वर्ष की उम्र से पहले ही मासिक धर्म बंद हो जाता है, तो इसे अकाली या समयपूर्व रजोनिवृत्ति कहते हैं।
प्रेरित रजोनिवृत्ति: रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी लेते समय (उदा., कैंसर उपचार विधि) अंडाशय प्रभावित हो जाने से रजोनिवृत्ति होती है, इस स्थिति को प्रेरित रजोनिवृत्ति कहते हैं।
कृत्रिम रजोनिवृत्ति: शल्यक्रिया करते समय गर्भाशय या गर्भाशय के साथ अंडाशय (Ovaries) निकाल दिए जाने पर अचानक रजोनिवृत्ति हो जाती है, इस स्थिति को कृत्रिम रजोनिवृत्ति कहते हैं।
रजोनिवृत्ति के लक्षण
रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन की कमी के कारण कुछ शारीरिक और मानसिक परिवर्तन दिखाई देते हैं। रजोनिवृत्ति के लक्षण और उनकी तीव्रता व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं में असुरक्षा, मूडी होना, भावनात्मक उतार-चढ़ाव (Mood swings), चिड़चिड़ापन, अवसाद, सिरदर्द, अच्छी नींद न आना या अनिद्रा (Insomnia), बुढ़ापे की भावना जैसे मिश्रित लक्षण देखे जाते हैं।
क्षणिक गर्मी (Hot flashes): पूरे शरीर में गर्मी के चमक आते हैं। इसके साथ ही हृदय की धड़कन भी बढ़ जाती है, परिणामस्वरूप शरीर का बढ़ा हुआ तापमान कम करने के लिए अचानक पसीना (Perspiration) आता है। रात के समय पसीना आने पर इसे रात्रिकालीन पसीना (Night sweat) कहते हैं।
शारीरिक थकान: शारीरिक परिश्रम करते समय सामान्य से जल्दी थकान होती है।
संभोग इच्छा में कमी: महिलाओं में संभोग की भावना कम हो जाती है।
योनि शुष्कता (Vaginal atrophy): मूत्र उत्सर्जक द्वार और योनि मार्ग में सूखापन महसूस होता है।
तथा त्वचा और म्यूकस झिल्ली (Mucous membrane) का सूखना, झुर्रियां पड़ना जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं। चयापचय क्रिया मंद हो जाती है और वजन बढ़ने की शिकायतें भी देखी जाती हैं। कुछ महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण चेहरे पर बालों की मात्रा बढ़ जाती है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। स्तनों का आकार छोटा हो जाता है। श्रोणि क्षेत्र की मांसपेशियों (Pelvic muscles) में शिथिलता आने से मूत्र असंयमता (Urinary incontinence) हो सकती है। कुछ महिलाओं में मूत्र मार्ग या गुदा का योनि मार्ग से बाहर निकलने (Protrusion) की गंभीर संभावना होती है।
उपचार पद्धति
रजोनिवृत्ति के दौरान के क्षणिक गर्मी और रात्रिकालीन पसीने के लक्षणों के लिए विटामिन सप्लीमेंट्स (Vitamin supplements), और लक्षणों की तीव्रता अधिक होने पर हार्मोन संबंधी औषधियाँ दी जाती हैं। साथ ही मासिक धर्म पूरी तरह बंद होने के बाद कभी भी योनि मार्ग से रक्तस्राव होने पर चिकित्सा विशेषज्ञ से जांच कराना आवश्यक है, क्योंकि यह गर्भाशय के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
प्रतिरोधात्मक उपाय
रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक कष्ट को कम करने के लिए दैनिक जीवनशैली में कुछ बुनियादी बदलाव करना आवश्यक है। जैसे, दिनचर्या को तनावमुक्त रखना; शरीर का वजन संतुलित रखने के लिए हल्का भोजन लेना; शारीरिक व्यायाम (प्रतिदिन 40 मिनट सप्ताह में कम से कम 5 दिन) करना; आहार में कैल्शियम युक्त पदार्थों का अधिकाधिक समावेश करना; पौष्टिक और संतुलित आहार लेना; भरपूर पानी पीना आदि।