Author: Bharti Parth
अणु (molecule)
अणु (molecule) : रासायनिक संयोजन का, उसके संगठन (composition) तथा रासायनिक गुणधर्मों को प्रतिबिंबित करने वाला सबसे छोटा मौलिक (fundamental) इकाई। रासायनिक प्रक्रिया में यह कण भाग लेता है। अणु का विभाजन होने पर मूल पदार्थ की तुलना में भिन्न संगठन और भिन्न रासायनिक गुणधर्मों वाले कण या परमाणु मिलते हैं। जब परमाणु एक-दूसरे के […]
Continue Readingहोमो-ईरेक्टस (Homo erectus)
होमो-ईरेक्टस: कई पालेन्टोलॉजिस्ट द्वारा मान्यता प्राप्त, लगभग 15 लाख से 3 लाख साल पहले तक की अवधि में विकसित मानव जाति की एक प्रजाति। होमो-ईरेक्टस की शारीरिक संरचना आज के मानव जैसी ही थी; लेकिन इसका मस्तिष्क थोड़ा छोटा था और दांत कुछ बड़े थे। इसकी ऊंचाई लगभग 150 सेंटीमीटर थी और अंगस्थिति सीधी (टट्टार) […]
Continue Readingगरासिया
गरासिया: गुजरात में भील जाति के उप-समूह के रूप में और राजस्थान में एक स्वतंत्र जाति समूह के रूप में जाने जाते हैं। वे स्वयं को मूलतः चित्तौड़ के पतन के बाद जंगल में भागे हुए और भीलों के साथ बसे हुए लेकिन मूल राजपूत वंश के मानते हैं। उनके नेताओं ने राजा से खेती […]
Continue Readingकॉर्पोरेटवाद (Corporativism)
कॉर्पोरेटवाद : यह एक विचारधारा है जो राज्य के अधीन रहकर समाज की विभिन्न आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को निगम (corporation) के रूप में संयोजित करने की वकालत करती है। इस विचारधारा के प्रमुख समर्थकों में राजकुमार क्लेमेंस मेटरनिक (1773-1859) के दरबार के तत्वज्ञ एडम म्यूलर, ऑस्ट्रियाई अर्थशास्त्री ओथमर स्पैन, और इटली के क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक […]
Continue Readingकस्टम यूनियन
कस्टम यूनियन : दो या दो से अधिक संप्रभु देशों के बीच पारस्परिक तथा अन्य देशों के साथ होने वाले व्यापार को लेकर शुल्क दरों के संबंध में किया गया करार। विभिन्न देश आर्थिक एकीकरण के उद्देश्य से अलग-अलग प्रकार के करार करते हैं। कस्टम यूनियन इसका एक विशिष्ट रूप है। ऐसे आर्थिक संगठन के […]
Continue Readingएकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम (MRTP Act)
एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम (MRTP Act): यह अधिनियम भारतीय लोकसभा द्वारा अनुचित एकाधिकार और आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए बनाया गया था। इजारा जांच समिति द्वारा की गई सिफारिशों को कानून में परिवर्तित करने के उद्देश्य से दिसंबर 1969 में इसका मसौदा स्वीकृत किया गया था, जो जून […]
Continue Readingअंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund)
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सहयोग के लिए एक संस्था है। 1929 से शुरू हुई विश्व मंदी के दौरान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय क्षेत्र में जो अव्यवस्था उत्पन्न हुई थी, उसका पुनरावर्तन दूसरे विश्व युद्ध के बाद न हो, इस उद्देश्य से 1944 के जुलाई में अमेरिका में ब्रेटनवुड्स में 44 देशों की ‘यूनाइटेड नेशन्स […]
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