बूंदी चित्रशैली : भारतीय चित्रकला की समृद्ध धरोहर

बूंदी चित्रशैली, राजस्थान की एक प्रमुख और ऐतिहासिक चित्रकला की परंपरा है, जो 16वीं और 17वीं शताब्दी के दौरान विकसित हुई। यह चित्रशैली बूंदी रियासत के राजमहल और महलों की दीवारों पर उकेरी गई चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। इसके चित्रों में प्रमुखत: धार्मिक, ऐतिहासिक और दरबारी दृश्यों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया […]

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शेखावती चित्रशैली

राजस्थान की एक प्रसिद्ध चित्रशैली है जिसे शेखावती नामक क्षेत्र से यह नाम मिला है। शेखावती आज के राजस्थान के सीकर और झुनझुनू जिलों का एक हिस्सा है। शेखावती का शाब्दिक अर्थ ‘शेख लोगों की भूमि’ या ‘शेखों की बग़ीचों’ से है, और यह नाम पंद्रहवीं शताब्दी के राव शेख के नाम पर पड़ा है। […]

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शोरापूर चित्रशैली (Shorapur paintings)

भारतीय लघुचित्र शैलीं में से एक महत्त्वपूर्ण शैली। इस शैली को ‘सुरपूर लघुचित्र’ (Surpur Miniature Arts) भी कहते हैं। दक्कन क्षेत्र के हैदराबाद में इस चित्रशैली की दो शाखाएं विकसित हुईं। इनमें से एक शोरापुर में और दूसरी कडप्पा (कुरनूल) में विकसित हुई। शोरापुर दक्कन के एक राज्य में से एक था। यहां 1750 के […]

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वारली चित्रकला

वारली चित्रकला : आदिम कलाशैली

वारली चित्रकला महाराष्ट्र के वारली आदिवासियों की एक विशिष्ट कला है, जो दीवारों पर ज्यामितीय आकृतियों से बनाई जाती है। इसमें मुख्यतः सफेद रंग का उपयोग होता है, और यह चित्रण महिलाओं द्वारा धार्मिक एवं सामाजिक समारोहों के दौरान किया जाता है। यह कला आदिवासी जीवन और प्रकृति से प्रेरित है। वारली चित्रकला : प्रदेश […]

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एम. एफ. हुसेन: भारतीय चित्रकला का महानायक

अंतरराष्ट्रीय कीर्ति के भारतीय चित्रकार। फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण, कविता जैसे कई क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के रूप में उनकी पहचान है। उनका पूरा नाम मकबूल फिदा हुसेन था, लेकिन एम. एफ. हुसेन के नाम से ही वे प्रसिद्ध थे। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा एम. एफ. हुसेनका जन्म महाराष्ट्र के पंढरपुर […]

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