लव कुश

लव कुश : रामायण के महान पूत्र

रामायण, भारतीय संस्कृति और साहित्य का एक महाकाव्य है, जो आदर्श जीवन और मानवीय मूल्यों का चित्रण करता है। इस महाकाव्य के प्रमुख पात्रों में से लव कुश, भगवान राम और सीता के जुड़वां पुत्र, विशेष महत्व रखते हैं। उनकी कहानी न केवल उनके वीरता और धैर्य को दर्शाती है, बल्कि परिवार, न्याय और धर्म […]

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एकलव्य की कहानी

एकलव्य की कहानी: आत्मसमर्पण का प्रतीक

एकलव्य की कहानी महाभारत के प्रसिद्ध प्रसंगों में से एक है, जो गुरुभक्ति, आत्मसमर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रतीक मानी जाती है। वह व्याधों के राजा हिरण्यधनु का पुत्र था। जब द्रोणाचार्य ने भीष्म के नातियों को धनुर्विद्या सिखाने का काम स्वीकार किया, तो दूर-दूर के देशों के राजपुत्र उनके पास विद्यार्जन के लिए आने […]

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कंसवध

कंसवध : अत्याचार और अधर्म का अंत

कंस, भारतीय महाकाव्य महाभारत और पुराणों में वर्णित एक प्रमुख पात्र है, जिन्हें विशेष रूप से भागवत पुराण में विस्तार से वर्णित किया गया है। कंस का व्यक्तित्व उसकी अत्यधिक क्रूरता और अत्याचार के लिए जाना जाता है। कंस मल्लविद्या में निपुण, शूरवीर, और शस्त्र विद्या में पारंगत था। कंस मथुरा का राजा था और […]

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कर्ण

दानवीर कर्ण का इतिहास : प्रेरक और त्रासद भी

कर्ण की कहानी महाभारत में एक त्रासद नायक की है, जो अपने गुणों और कमजोरियों के साथ जीवनभर संघर्ष करता रहा। उनकी वीरता, दानशीलता, और मित्रता के प्रति निष्ठा उन्हें एक अद्वितीय और महान पात्र बनाते हैं। महाभारत में कर्ण की कथा हमें यह सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयाँ और संघर्ष तो आते हैं, […]

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सत्यनारायण गोयनका

सत्यनारायण गोयनका : विपश्यना के पुन:प्रवर्तक

सत्यनारायण गोयनका : (30 जनवरी 1924 – 29 सितंबर 2013)। थोर आचार्य, भारत में विपश्यना की अवधारणा के पुन:प्रवर्तक और एक प्रसिद्ध व्यवसायी। उन्होंने बौद्ध दर्शन के विपश्यना के सिद्धांत को भारत और विश्व स्तर पर सभी उच्च और निम्न सामाजिक समूहों में फैलाया। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को यह अनुभव दिया है कि […]

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जगन्नाथ रथयात्रा

जगन्नाथ रथयात्रा : समृद्ध परंपरा का ऐतिहासिक महत्त्व

जगन्नाथ रथयात्रा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो उड़ीसा राज्य के पुरी में मनाया जाता है। जगन्नाथ की रथ यात्रा वैष्णवों में सबसे बड़ी और प्रसिद्ध है। अक्रूर कृष्ण और बलराम को गोकुल से रथ में बैठाकर मथुरा ले आए। वैष्णवों का मानना ​​है कि उसी दिन से रथ यात्रा की प्रथा शुरू हुई।  यह […]

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