पोषक तत्वों की कमी का फसल पर प्रभाव

पोषक तत्वों की कमी का फसल पर प्रभाव

खेती भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और पौधों के पोषण की कमी से फसल की गुणवत्ता और उपज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विभिन्न पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधों में विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं जो अंततः फसल क्षति का कारण बनते हैं। नाइट्रोजन (Nitrogen) नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि के […]

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अनार

अनार : निर्यात बेहतर फल

अनार एक महत्वपूर्ण नगदी फसल है। महाराष्ट्र में सामान्यतः 87,550 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर इसकी खेती होती है। यह फसल पूरे साल विभिन्न मौसमों में, जैसे मृग, हस्त, और आंबा बहार के दौरान फल दे सकती है, जिससे पूरे साल बाजार में फलों की आपूर्ति करना संभव होता है। इसलिए, राज्य के सोलापूर, नाशिक, […]

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झिनिया (Zinnia)

झिनिया (Zinnia): झिनिया एक फुलझाड है, जो आवृतबीज (Angiosperms) और द्विदलिकित (Dicotyledons) वर्ग में आता है और यह सूर्यफूल कुल (Asteraceae) का हिस्सा है। इसके कुल में लगभग बीस जातियां शामिल हैं, जो अधिकांशत: ओषधीय (Herbaceous) और छोटे झाड़ होते हैं। ये पौधे एक वर्षीय या बहुवर्षीय (Annual or Perennial) होते हैं और अपनी आकर्षक […]

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केसर

केसर : एक शाही पौधा

केसर एक मूल्यवान मसाला है, जिसे केसर के फूल से प्राप्त किया जाता है। इसकी खेती मुख्यतः जम्मू-कश्मीर में होती है। केसर का उपयोग खानपान, औषधि और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसकी सुगंध और स्वाद अद्वितीय होते हैं, जिससे यह विशेष रूप से महंगा और महत्वपूर्ण मसाला माना जाता है। केसर के बहुभाषी […]

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जैतून : एक महत्वपूर्ण वृक्ष

जैतून (Olea ferruginea) एक मध्यम आकार का सदाबहार वृक्ष है, जो भारत में कश्मीर से लेकर कुमाऊँ क्षेत्र तक 2,400 मीटर की ऊँचाई पर उगता है। यह वृक्ष अपनी अद्वितीय विशेषताओं और बहुमूल्य उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। जैतून की खेती उत्तर भारत में की जाती है, जहाँ इसे ‘काहू’ या ‘बैरबांज’ के नाम से […]

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