चिंता (Anxiety)

चिंता मतलब पूरे शरीर में बिखरा हुआ एक भावनात्मक तनाव या डर. जिसका कोई निश्चित विषय नहीं होता है। यह एक निराधार, अनामिक, परंतु निरंतर भय की स्थिति होती है। यह चिंतात्मक प्रतिक्रियाओं की सारभूत बीमारी है। स्वाभाविक रूप से, व्यक्ति के भावनात्मक तनाव और भय के कारण उसकी मांसपेशियों में और स्वायत्त तंत्रिकातंत्र में […]

Continue Reading
न्यून भावना (Complex)

न्यून भावना (Complex)

न्यून भावना : (कॉम्प्लेक्स). न्यून भावना की संकल्पना प्रसिद्ध मनोविश्लेषक कार्ल युंग (1875–1961) द्वारा प्रचारित की गई है और यह व्यक्ति के व्यवहार को समझने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी गई है। जब किसी व्यक्ति के विचारों में सम्यकता या तर्कसंगतता की कमी होती है, उसकी भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होतीं, या उसके […]

Continue Reading
Oedipus Complex

ईडिपस भावना (Oedipus complex)

ईडिपस भावना: सिग्मंड फ्रायड (1856–1939) ने अपनी मनोविश्लेषण में जिन कई नई और क्रांतिकारी संकल्पनाओं को प्रस्तुत किया, उनमें से एक ‘ईडिपस भावना’ है। उनके अनुसार, मानवीय जीवन पर कामप्रेरणा की निरंतर अधिसत्ता होती है और इसके आविष्कार विभिन्न रूपों में होते रहते हैं। मानवीय व्यवहार की मूल प्रेरणाओं में कामप्रेरणा एक प्रबल प्रेरणा है […]

Continue Reading
स्व-संमोहन

स्व-संमोहन (self-hypnosis)

स्व-संमोहन (self-hypnosis) : एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया । जब व्यक्ति स्वयं पर सम्मोहन की प्रक्रिया करता है, तो उसे स्व-संमोहन कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान (meditation) जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। वास्तव में ध्यान (meditation) भी एक प्रकार का स्व-संमोहन है। इसके लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है। इससे बहुत लाभ होता है […]

Continue Reading
अणु (molecule)

अणु (molecule)

अणु (molecule) : रासायनिक संयोजन का, उसके संगठन (composition) तथा रासायनिक गुणधर्मों को प्रतिबिंबित करने वाला सबसे छोटा मौलिक (fundamental) इकाई। रासायनिक प्रक्रिया में यह कण भाग लेता है। अणु का विभाजन होने पर मूल पदार्थ की तुलना में भिन्न संगठन और भिन्न रासायनिक गुणधर्मों वाले कण या परमाणु मिलते हैं। जब परमाणु एक-दूसरे के […]

Continue Reading
होमो-ईरेक्टस

होमो-ईरेक्टस (Homo erectus)

होमो-ईरेक्टस: कई पालेन्टोलॉजिस्ट द्वारा मान्यता प्राप्त, लगभग 15 लाख से 3 लाख साल पहले तक की अवधि में विकसित मानव जाति की एक प्रजाति। होमो-ईरेक्टस की शारीरिक संरचना आज के मानव जैसी ही थी; लेकिन इसका मस्तिष्क थोड़ा छोटा था और दांत कुछ बड़े थे। इसकी ऊंचाई लगभग 150 सेंटीमीटर थी और अंगस्थिति सीधी (टट्टार) […]

Continue Reading
गरासिया

गरासिया

गरासिया: गुजरात में भील जाति के उप-समूह के रूप में और राजस्थान में एक स्वतंत्र जाति समूह के रूप में जाने जाते हैं। वे स्वयं को मूलतः चित्तौड़ के पतन के बाद जंगल में भागे हुए और भीलों के साथ बसे हुए लेकिन मूल राजपूत वंश के मानते हैं। उनके नेताओं ने राजा से खेती […]

Continue Reading

कॉर्पोरेटवाद (Corporativism)

कॉर्पोरेटवाद : यह एक विचारधारा है जो राज्य के अधीन रहकर समाज की विभिन्न आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को निगम (corporation) के रूप में संयोजित करने की वकालत करती है। इस विचारधारा के प्रमुख समर्थकों में राजकुमार क्लेमेंस मेटरनिक (1773-1859) के दरबार के तत्वज्ञ एडम म्यूलर, ऑस्ट्रियाई अर्थशास्त्री ओथमर स्पैन, और इटली के क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक […]

Continue Reading

कस्टम यूनियन

कस्टम यूनियन : दो या दो से अधिक संप्रभु देशों के बीच पारस्परिक तथा अन्य देशों के साथ होने वाले व्यापार को लेकर शुल्क दरों के संबंध में किया गया करार। विभिन्न देश आर्थिक एकीकरण के उद्देश्य से अलग-अलग प्रकार के करार करते हैं। कस्टम यूनियन इसका एक विशिष्ट रूप है। ऐसे आर्थिक संगठन के […]

Continue Reading
एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1970

एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम (MRTP Act)

एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम (MRTP Act): यह अधिनियम भारतीय लोकसभा द्वारा अनुचित एकाधिकार और आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए बनाया गया था। इजारा जांच समिति द्वारा की गई सिफारिशों को कानून में परिवर्तित करने के उद्देश्य से दिसंबर 1969 में इसका मसौदा स्वीकृत किया गया था, जो जून […]

Continue Reading